डॉ.ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर संसय बरकरार, आदिवासी कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से कहा प्रमाण पत्र निरस्त हो।

डॉ.ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर संसय बरकरार, आदिवासी कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से कहा प्रमाण पत्र निरस्त हो।

रायपुर। जोगी परिवार में जाति का मामला मानो पीछा छोड़ ही नहीं रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जीवित रहते यह मामला उनके अंतिम दिनों तक जहाँ उनका पीछा करते रहा और अब उनके पुत्र पूर्व विधायक अमित जोगी के बाद उनकी पत्नी ऋचा जोगी तक यह बात आ गई है। आज राज्यपाल के पास पहुँच कर ऋचा जोगी को जारी जाति प्रमाणपत्र की जांच के लिए कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने दबाव बनाया है, तो इस क्रम में सर्व आदिवासी समाज के लोग  भी इसकी निष्पक्ष जाँच को लेकर सामने आ गए हैं। कांग्रेस के आधा दर्जन आदिवासी विधायक आज राजभवन पहुंच कर इस मामले को और भी गंभीर बना दिये हैं। राज्यपाल से मुलाकात कर इन विधायकों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र को हाईपॉवर कमेटी ने निरस्त कर दिया था। ऐसे में अमित जोगी और उनके परिवार के किसी भी सदस्य अनुसूचित जनजाति वर्ग के कैसे हो सकते हैं। इन विधायकों ने ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर पूरे विवाद को एक नया मोड़ दे दिया है, जबकि मरवाही चुनाव को लेकर नामांकन की तारीख भी नजदीक है।

राज्यपाल से मुलाकात कर इन विधायकों ने पूर्व विधायक अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी की जाति प्रमाण पत्र को संदिग्ध और गलत बताया और कहा कि मरवाही विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है, बावजूद फर्जी जाति प्रमाणपत्र के सहारे दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षित मरवाही विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व वहाँ की जनता के आँख में धुल झोंकते आ रहे थे। स्व. जोगी के जाति प्रमाण पत्र को हाईपावर कमेटी द्वारा 23 अगस्त 2019 को ही निरस्त कर दिया गया था। ऐसी स्थिति में जोगी परिवार के किसी सदस्य की इस वर्ग से जाति कैसे सही हो सकती है। जब स्व. जोगी के जाति प्रमाण पत्र संबंधी प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है।

कांकेर विधायक शिशुपाल सोरी के साथ पांच विधायक इंदर शाह मंडावी, यूडी मिंज, गुलाब कमरो, मोहित कुमार केरकेट्टा और पुरूषोत्तम कंवर ने आरोप लगाया कि जोगी परिवार अपने पूरे राजनैतिक काल में छत्तीसगढ़ की जनता को गलत प्रमाण पत्र और झूठे तथ्यों के आधार पर अपने को आदिवासी बताकर छलावा करते रहे हैं। अब उनका पुत्र के बाद बहु भी उसी राह में अग्रसर है। ऋचा रूपाली साधू जाति ईसाई होने के बाद भी अमित जोगी के जाति का मामला जब अधर में लटक गया तो उनकी पत्नी को फिर एक बार एक फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर  आदिवासी समाज के सामने ला खड़ा कर दिया गया है। उन्होंने कहा जनता को इस तरह गुमराह कब तक किया जाते रहेगा।

कांग्रेस विधायकों ने शुरुवाती समय से एक-एक बात रखते हुए यह भी कहा जोगी परिवार का कोई भी सदस्य न पढ़ाई के दौरान अपने को आदिवासी वर्ग का बताया और न ही परिवार के नाम दर्ज भूमि आदिवासी मद में दर्ज  है। इससे यह प्रमाणित होता है कि ये आदिवासी समुदाय से संबद्ध नहीं रखते हैं ऐसी परिस्थिति में ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किये जाने योग्य है। अब देखना है इस पूरे मामले में राज्यपाल का रुख व भूमिका क्या होती है। राज्य शासन जोगी परिवार के जाती मामले को किसी तरह इस बार नामांकन के पूर्व ही समाप्त करना चाहती है और जिस तरह से कांग्रेस विधायक इसे लेकर लामबंद हुए हैं, बहुत जल्द इसे लेकर अधिकृत आदेश जारी होने की संभावना है।