कोरोना से आप अपने गांव को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो... प्रवासी मजदूरों को क्वारेन्टाइन सेंटर में रहने करे जागरूक... दूसरे प्रदेश से मजदूरों की घरवापसी... ट्रेन से उतरने के बाद नहीं मिल रही बसें... 30 से 40 KM पैदल चलकर पहुंच रहे हैं अपने गांव...

कोरोना से आप अपने गांव को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो... प्रवासी मजदूरों को क्वारेन्टाइन सेंटर में रहने करे जागरूक... दूसरे प्रदेश से मजदूरों की घरवापसी... ट्रेन से उतरने के बाद नहीं मिल रही बसें... 30 से 40 KM पैदल चलकर पहुंच रहे हैं अपने गांव...

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश में मजदूरी के लिए गए मजदूरों का घर लौटना शुरू हो गया है। दुर्ग रेलवे स्टेशन बालोद सहित राजनांदगांव जिला के मजदूरों को अपने गांव पहुंचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई मजदूर पत्नी और बच्चों को लेकर 30 से 40 किलोमीटर दूर गांव के लिए पैदल ही जाते दिख। दरअसल, दुर्ग में 19 अप्रैल तक लॉकडाउन है, ऐसे में बसें नहीं चल रही हैं, जिससे मजदूरों को पैदल ही घर लौटना पड़ा। 

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में बढ़ते केस को देखते हुये फिर से गांवों में क्वारेन्टाइन आइसोलेशन सेंटर का आदेश दिया है। जिसमे 14 दिन तक रखने खाने की व्यवस्था स्थानीय पंचायत के माध्यम से किया जाएगा। ऐसे परिस्थिति में कोई अन्य राज्य से आता है तो जागरूक करें। और टेस्ट कराने के साथ आइसोलेशन में रहने आग्रह करे। 

मजदूरों ने कहा- लॉकडाउन के डर ने घर लौटने को मजबूर किया - दुर्ग लौटे बालोद - राजनांदगांव व अन्य जिलों के आप-पास के मजदूरों कोरोना की वजह से काम धंधा बंद है। ऐसे में उनके सामने खाने पीने की दिक्कतें शुरू हो गईं। उन्हें देश में टोटल लॉकडाउन का डर सताने लगा, जिसके चलते वे घर लौट रहे हैं। 

प्रवासी मजदूरो की कहानी - सूरत से वापस लौट रहे मजदूर और अन्य उनके साथी कुछ महीने पहले कोरोना की स्तिथि सामान्य होने पर वो काम करने दूसरे प्रदेशों में गए । लेकिन अब कोरोना के मामले बढ़ने के बाद उन्हें काम मिलना बंद हो गया। लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और अधिकांश प्रदेशो के बड़े जिलों में नाइट कर्फ्यू भी लग रहा है। काम नहीं मिलने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सिर पर गठरी रखें चल रहे हैं पैदल राजनांदगांव की सीमा महाराष्ट्र से लगती है, इसलिए बड़ी संख्या में मजदूर काम के सिलसिले में महाराष्ट्र जाते हैं। महाराष्ट्र में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है और वहां की सरकार ने कई सख्त फैसले लिए हैं। इसके बाद हमें लॉकडाउन का डर सताने लगा है। पिछले साल की तरह अगर ट्रेनें बंद हो गईं तो फिर इन वर्ग की दिक्कतें बढ़ जाएंगी, इसलिए अभी घर लौट रहे हैं।